
Indian Railways: भारतीय रेलवे को आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल 2 लाख 65 हजार 200 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस बजट का मुख्य उद्देश्य रेलवे यात्रियों की सुविधाओं में वृद्धि करना, रेलवे का इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारना और रेलवे के कामकाज को नए तरीके से संचालित करना है।
भारतीय रेलवे को आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में नई रेलवे लाइनों को बिछाने के लिए बजट स्वीकृति मिल गई है। नए रेलवे लाइनों के निर्माण से जहां एक ओर ट्रेनों की संख्या में वृद्धि होगी, वहीं दूसरी ओर यात्रियों को टिकट के लिए लंबा इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा, रेलवे लाइनों के साथ-साथ डबल लाइनों के निर्माण का भी खाका तैयार किया गया है।
यह बदलाव भारतीय रेलवे के विकास कार्यों को प्राथमिकता देने और निवेश के अन्य स्रोतों पर निर्भर रहने की रणनीति को दिखाता है। रेलवे के लिए दी जाने वाली राशि का अधिकतर हिस्सा बुनियादी ढांचे को सुधारने और नई लाइनों के निर्माण पर खर्च किया जाएगा, जबकि निवेश के लिए दी जाने वाली राशि में कमी आई है। Indian Railways
जिससे यात्री सुविधाओं में और सुधार होगा। इस बजट के जरिए भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड किया जाएगा, और रेलवे यात्री इसका प्रत्यक्ष लाभ उठाएंगे।
रेलवे की ओर से तैयार किए गए ब्लूप्रिंट में पिछले दो वित्तीय वर्षों का बजट भी आंका गया है। इस बार का बजट पिछले बजट से अधिक है। 2023-24 में रेलवे के लिए बजट 2 लाख 62 हजार 216.93 करोड़ रुपये था, जबकि 2025-26 के लिए इसे बढ़ाकर 2 लाख 65 हजार 200 करोड़ रुपये किया गया है।
बिछाई जाएगी नई लाईने: नई रेलवे लाइनों के निर्माण के लिए कई राज्यों से प्रस्ताव आए हैं। इन प्रस्तावों के लिए सर्वेक्षण सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस सर्वेक्षण में यह देखा जाता है कि किस स्थान पर रेलवे लाइन बिछाने से रेलवे की आय पर कितना प्रभाव पड़ेगा, यात्रियों को कितनी सुविधाएं मिलेंगी और माल ढुलाई पर क्या असर पड़ेगा। इस सर्वेक्षण के आधार पर बजट की राशि तय की जाती है।
बजट के आवंटन के बाद इसे विभिन्न जोनों में वितरित किया जाएगा, और फिर नई रेलवे लाइनों के निर्माण का काम विभागीय स्तर पर शुरू होगा।
बजट में हुई इतनी वृद्धि: बता दे कि 2023-24 के वित्तीय वर्ष में नई रेलवे लाइनों के लिए 37,702.18 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था, जबकि 2024-25 में इसे घटाकर 34,602.75 करोड़ रुपये किया गया था, लेकिन इस राशि को फिर से 31,458.83 करोड़ रुपये तक संशोधित किया गया। अब 2025-26 के लिए इस बजट को बढ़ाकर 32,235.24 करोड़ रुपये किया गया है।
कई लाईनों का होगा दोहरीकरण: बता दे 2023-24 में डबलिंग के लिए 34,806.07 करोड़ रुपये का बजट था, जबकि 2024-25 में यह घटकर 29,312.19 करोड़ रुपये हो गया था, और फिर इसे 31,031.86 करोड़ रुपये तक संशोधित किया गया। अब 2025-26 के लिए डबलिंग के लिए बजट 32,000 करोड़ रुपये रखा गया है।
2023-24 के वित्तीय वर्ष में गेज़ परिवर्तन के लिए 4,487.62 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था, जबकि 2024-25 में इसे बढ़ाकर 4,536.45 करोड़ रुपये किया गया था। अब 2025-26 के लिए इस बजट को 4,550 करोड़ रुपये किया गया है। गेज़ परिवर्तन का उद्देश्य विभिन्न रेल नेटवर्कों के बीच सामंजस्य बनाए रखना और रेलवे नेटवर्क की क्षमता को बढ़ाना है।
निवेश के लिए बजट में गिरावट: जहां एक ओर नई रेल लाइनों के निर्माण और डबल लाइनों के विस्तार के लिए बजट में वृद्धि की गई है, वहीं रेलवे के लिए सरकार के वाणिज्यिक उपक्रमों और सार्वजनिक उपक्रमों में निवेश के बजट में कमी आई है।Indian Railways
2023-24 के लिए इस मद में 31,909.37 करोड़ रुपये का बजट था, जबकि 2024-25 में इसे घटाकर 27,570.77 करोड़ रुपये किया गया था। अब 2025-26 के लिए इस मद में बजट घटाकर 22,444.33 करोड़ रुपये किया गया है।